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नफरत के खिलाफ रोजगार के सवाल पर आरवाईए उत्तरप्रदेश का राज्य सम्मेलन 10-11 मार्च 2024 को लखनऊ में होगा, प्रदेश भर से जुटेंगे नौजवान.

Updated: Feb 2, 2024


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सम्मलेन में नौजवान मोदी सरकार से दस साल के शासन का मांगेंगे हिसाब !

नौजवानों का यह सम्मलेन उस समय हो रहा है जब उत्तर प्रदेश में धर्म के नाम पर उन्माद पैदा किया जा रहा है। भाजपा पूरी तरह से नौजवानों को रोजगार देने में फेल साबित हुई है। प्रदेश में शायद ही कोई प्रतियोगी परीक्षा हुई हो जिसमें धांधली व आरक्षण में घोटाले नहीं हुए हों. रोजगार देने के फर्जी आंकड़े देकर नौजवानों को गुमराह किया जा रहा है.
 
आरवाईए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि हमारा प्रदेश सम्मलेन “नफरत नहीं, जवाब दो! दस साल का हिसाब दो!”,  बेरोजगार नौजवानों को धोखा देना बंद करो! रोजगार पर श्वेत पत्र लाओ!, बलात्कारियों को संरक्षण क्यों? महिलाओं- दलितों पर हिंसा बर्दास्त नहीं! सांप्रदायिक बुलडोजर राज के खिलाफ नौजवानों की एकता और भाईचारे को मजबूत करो! आदि नारों के साथ आयोजित होगा।

इस दौरान उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को शीघ्र कार्यरत किया जाय ताकि ठप पड़ी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू किया जा सके। सरकार को नौकरी देने में कोई इंटरेस्ट नहीं है लेकिन नौकरी देने के गलत-सलत आंकड़े पेश किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोदी योगी की डबल इंजन वाली सरकार लगातार देश के संविधान को ताक पर रख कर विरोध की आवाजों व आम नागरिकों के अधिकारों को कुचल रही है। सरकार लोकतंत्र की संस्थाओं पर कब्जा जमाकर देश पर तानाशाही थोपने की कोशिश कर रही है। भारत की आजादी के आंदोलन की सबसे बड़ी उपलब्धि भारत का संविधान और आजादी के शहीदों/ आंदोलनकारियों द्वारा नए समतामूलक, लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी देश बनाने का सपना था। आज उन सपनों की हत्या की जा रही है। सड़क से लेकर संसद विधानसभाओं तक विरोध की आवाज़ को खामोश किया जा रहा है.
 
इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि सरकार रोजगार देने के बड़े-बड़े वादे के साथ सत्ता में आई लेकिन रोजगार देने के बजाय अक्षत बांटने व नफरत फैलाने में लगी है । आज पूरे देश का नौजवान रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है लेकिन सरकार रेल समेत लगभग सभी सरकारी संस्थाओं को निजी हाथों में सौंप कर रोजगार देने से ही पीछे हटती जा रही है। दो करोड़ रोजगार की बात छोड़ दीजिए, स्थाई रोजगार को भी सरकार भरने के बजाय खत्म करने में लगी हुई है। 69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला के खिलाफ लड़ रहे नौजवानों को न्याय नहीं मिल रहा है। उत्तर प्रदेश समेत देश भर में जाति जनगणना की मांग आरवाईए करता रहा है लेकिन सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में नौजवान रोजगार आयोग में भ्रष्टाचार, पेपर लीक, आरक्षण घोटाला, नकल माफियाओं के खिलाफ, प्रदेश में जाति जनगणना कराने के लिए सड़कों पर लड़ने के लिए मजबूर है लेकिन सरकार इन मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। पुलिस भर्ती में भर्तीबोर्ड के अनुमान से अधिक 50.14 लाख आवेदन यूपी में बेरोजगारी की भयावह स्थिति को दिखाती है। एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं को फार्म की फीस में छूट न होना वंचित तबके से अन्याय है। इस भर्ती में वेटिंग लिस्ट जारी करने की मांग की। इस सवाल पर राज्यपाल महोदया को 25 जनवरी को ज्ञापन दिया गया.

आरवाईए के प्रदेश सहसचिव ठाकुर प्रसाद ने कहा कि जब से भाजपा की सरकार केंद्र की सत्ता में आई है महिलाओं व दलितों पर बेतहाशा दमन बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश की डबल इंजन वाली योगी सरकार में दमन दो कदम आगे है। देश का नाम रौशन करने वाली महिला पहलवानों के साथ यौन हिंसा करने के आरोपी कैसरगंज (बहराइच) से भाजपा सांसद को बचाने में पूरी सरकार को लगा दिया। नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी को भाजपा दुद्धी सोनभद्र से टिकट देकर विधायक बनाती है जिसको कोर्ट ने 25 साल जेल व 10 लाख जुर्माना की सजा सुनाई। बीएचयू परिसर में आईआईटी छात्रा के साथ बलात्कार करने वाले भाजपा आईटी सेल के सदस्यों को बचाने की पूरी कोशिश हुई। आन्दोलन के दबाव में आरोपी को 31 दिसंबर को गिरफ्तार किया गे. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद कार्यस्थलों व अन्य संस्थानों में यौन उत्पीड़न के खिलाफ प्रभावी कमेटियां नदारद हैं। वर्तमान सरकार में दलितों के खिलाफ होने वाली हिंसा में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र नेता की चीफ प्राक्टर द्वारा बर्बर पिटाई के बावजूद एफआईआर तक दर्ज नहीं हुआ।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पूरी तरह से नौजवान व गरीब विरोधी नीति लागू कर रही है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। गरीबों, आदिवासियों, दलितों पर फर्जी एनकाउंटर कराकर कानून व्यवस्था बेहतर होने का दंभ भर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार रेल समेत सभी सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण करके रोजगार खत्म किया जा रहा है और जो सरकारी नौकरी में आरक्षण मिलता था वो भी समाप्त हो जा रहा है। मोदी सरकार 10 साल में 20 करोड़ रोजगार देने का वादा पूरा करने में पूरी तरह फेल साबित हुई। दुनिया में सबसे ज्यादा 35.6 करोड़ युवा आबादी के बावजूद नौजवान लगातार आत्महत्या के लिए मजबूर है। यह सब तब है जब केंद्र में बैठी मोदी नीत भाजपा सरकार रोजगार देने के मसले पर पूरी तरह फेल है। नई शिक्षा नीति के द्वारा सरकार शिक्षा को बाजार के हवाले कर दे रही है। पहले भी पैसे के अभाव में गरीब नौजवान पढ़ाई से वंचित रह जाते थे अब गरीबों का पढ़ना बंद ही हो जाएगा।

शहीद ए आजम भगत सिंह - बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपनों का भारत बनाने के लिए आगे बढ़ाने, महिलाओ की आजादी-बराबरी, समान शिक्षा व सम्मानजनक रोजगार के अधिकार के लिए नफरत नहीं जवाब दो, 10 साल का हिसाब दो अभियान के तहत हजारों नौजवानों को संगठन से जोड़ते हुए इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) 10- 11 मार्च को राज्य सम्मेलन लखनऊ में करेगा।
 
 
 

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