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दलित बेटी के साथ दरिंदगी और शासन की बर्बर चुप्पी के खिलाफ आरवाईए का राज्यव्यापी आक्रोश मार्च

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मुजफ्फरपुर के कुढ़नी प्रखंड के जगन्नाथपुर गांव की 10वर्षीय छात्रा विशाखा कुमारी के साथ हुई वहशियाना दरिंदगी और फिर अस्पताल में तड़प-तड़पकर हुई उसकी मौत के खिलाफ इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के आह्वान पर जब पूरे बिहार में आक्रोश मार्च निकला गया और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से इस्तीफा माँगा गया.
सभा को संबोधित करते हुए आरवाईए नेताओं ने कहा कि यह  कोई साधारण घटना नहीं है, यह उस सड़ी-गली सत्ता व्यवस्था का असली चेहरा है जो गरीब दलित बेटियों की जान को कीड़े-मकोड़े से भी कम समझती है। यह सत्ता सिर्फ पूंजीपतियों और संघी गुंडों की सेवा में लगी हुई है। विशाखा की मौत महज एक बच्ची की मौत नहीं है, यह इस राज्य की क्रूर, जातिवादी और महिला विरोधी शासन की पोल खोलती है। नीतीश कुमार का तथाकथित सुशासन आज दलित बेटियों के लिए कत्लगाह बन चुका है, जहां महिलाओं का सम्मान और जान दोनों सरेआम कुचला जा रहा है.
पीएमसीएच जैसे अस्पताल में एक बलात्कार पीड़िता घंटों पड़ी रहती है, कोई डॉक्टर नहीं, कोई अफसर नहीं, कोई मजिस्ट्रेट नहीं क्या यही है वह विकास मॉडल, जिस पर भाजपा-जदयू पीठ ठोकते हैं? स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे, जो दलित बेटियों की लाश पर भी अपनी कुर्सी से चिपके बैठे हैं, इस निकम्मी और संवेदनहीन सरकार का असली चेहरा हैं। प्रधानमंत्री मोदी, जो वक्त वक्त पर घड़ियाली आँसू बहाते हैं, उन्होंने विशाखा के नाम पर एक शब्द तक नहीं कहा क्योंकि विशाखा अडानी-अंबानी की बेटी नहीं थी, वह तो एक दलित मजदूर की संतान थी, जिसकी चीखें इस सत्ता के सुनने लायक नहीं हैं। यही वजह है कि भाजपा के तमाम प्रवक्ता, टीवी पर चीखने वाले सारे एजेंडा पत्रकार चुप्पी की चादर ओढ़े बैठे हैं। यही इनकी असली चेहरा है 'बेटी बचाओ' के नारे के पीछे दलित बेटियों की लाशों की ढेर लगा देना। इस घटना ने बता दिया है कि यह सरकार दलितों, गरीबों और महिलाओं की हत्यारी है। नेताओं ने बताया कि विशाखा की मां एक मजदूर है, उसका परिवार भूमिहीन है, गांव में स्कूल की लड़कियां डर के मारे पढ़ाई छोड़ रही हैं, गांव में मातम पसरा है और नीतीश-मोदी सरकार  सुशासन की सरकार का जुमला रट रही है।
आरवाईए मांग करती है कि इस जघन्य बलात्कार में शामिल सभी अपराधियों को स्पीडी ट्राइल चला कठोर से कठोर सजा दी जाए। इलाज में हुई लापरवाही की जिम्मेवारी लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री मंगत पांडे इस्तीफा दे, पीड़ित परिवार को सुरक्षा एवं उचित मुआवजा व सुरक्षा की गारंटी करायी जाय.
 
 
 

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