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बिहार के युवाओं को गोलबंद कर बदलाव की निर्णायक लड़ाई छेड़ेंगे: आरवाईए



बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर सड़कों पर उतरेगा युवा, मई में होगा आरवाईए का बिहार राज्य सम्मेलन।


आरवाईए (इंकलाबी नौजवान सभा) के बिहार राज्य परिषद की दो दिवसीय बैठक भोजपुर के उदवंतनगर में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता राज्य अध्यक्ष जितेन्द्र पासवान ने की और संचालन राज्य सचिव सह अंगियाव विधायक शिवप्रकाश रंजन ने किया। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष अफ़ताब आलम बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे।


बैठक में बिहार के सभी जिलों से प्रतिनिधि शामिल हुए और जिलों में चले सांगठनिक अभियानों की समीक्षा की गई। इस अवसर पर कई बड़े फैसले लिए गए जिसमें 14 अप्रैल को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर राज्य के सभी जिलों में युवाओं द्वारा सड़कों पर विशाल मार्च निकाले जाने, मई के अंत में अरवल में बिहार राज्य सम्मेलन का आयोजन करने एवं एक लाख नए युवाओं की संगठन में सदस्यता सुनिश्चित करते हुए पंचायत, प्रखंड व जिला सम्मेलनों का आयोजन करने का फैसला लिया गया।



राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि यह वक़्त आराम करने या तमाशबीन बने रहने का नहीं है। आज जब हमारा संविधान, हमारी लोकतांत्रिक संस्थाएं और हमारे सामाजिक अधिकार लगातार हमले की ज़द में हैं, देश का युवा चुप नहीं बैठेगा। अमेरिका के सामने घुटनों के बल झुकी मोदी सरकार ने देश को पूंजीपतियों और साम्प्रदायिक ताक़तों के हवाले कर दिया है। असंवैधानिक वक़्फ़ संशोधन विधेयक सिर्फ़ मुसलमानों की ज़मीनें हड़पने की साज़िश नहीं, बल्कि पूरे मुल्क में अल्पसंख्यकों को हाशिये पर ढकेलने की खतरनाक कोशिश है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश में दलितों, आदिवासियों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों ने लोकतंत्र के चरित्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बेरोज़गारी इस हद तक फैल चुकी है कि नौजवानों के पास या तो पलायन का विकल्प है या निराशा में डूबने का। बिहार जैसे राज्य में जहां युवा आबादी सबसे अधिक है, वहां ये हालात और भी गंभीर हैं। इसलिए अब गांव-गांव, गली-गली युवाओं को संगठित कर संघर्ष की ज्वाला को तेज़ करना होगा। यही इकलौता रास्ता है जिससे हम भाजपा-नीत सत्ता की लालसा को परास्त कर सकते हैं और संविधान को बचा सकते हैं।


राष्ट्रीय अध्यक्ष अफ़ताब आलम ने कहा कि बिहार में विकास के नाम पर सिर्फ़ खोखले दावे और जुमले सुनने को मिलते हैं। शिक्षा की हालत इतनी बदतर है कि करोड़ों युवा गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई से वंचित हैं। स्वास्थ्य सुविधाएं दम तोड़ चुकी हैं और इलाज अब गरीब के लिए सपना बन गया है। नौजवान रोज़गार की तलाश में या तो पलायन कर रहा है या फिर आत्महत्या की कगार पर खड़ा है। ऐसे हालात में बदलाव कोई सत्ता का उपहार नहीं होगा—यह परिवर्तन संघर्ष से आएगा, और इस संघर्ष का नेतृत्व बिहार का युवा करेगा। आरवाईए यही नेतृत्व देने को संकल्पबद्ध है। हमारा आंदोलन सिर्फ़ सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि उस सोच के खिलाफ है जो नौजवानों के सपनों को कुचलना चाहती है। अब आरवाईए हर पंचायत, हर प्रखंड और हर जिले में युवाओं को जोड़ते हुए एक नई राजनीतिक चेतना की मशाल जलाएगा। जो बदलाव की दिशा तय करेगी।



आरवाईए राज्य सचिव सह अगिआंव विधायक शिव प्रकाश रंजन ने कहा कि पूरे बिहार डबल इंजन की सरकार में बेरोजगारी चरम सीमा पर है महंगाई, बेरोजगारी को लेकर बिहार में आंदोलन को तेज किया जाएगा, आगे उन्होंने कहा कि एक लाख नौजवानों को संगठन का सदस्य बनाते हुए मई महीने के अंत में अरवल में राज्य सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।



आरवाईए राज्य अध्यक्ष जितेंद्र पासवान ने सांगठनिक बातों को रखते हुए अंत में दो दिवसीय राज्य परिषद बैठक को बेहतर ढंग से आयोजित करने के लिए भोजपुर जिला कमिटी को धन्यवाद दिया।


मौके पर राज्य उपाध्यक्ष निरंजन केसरी, रंजीत राम, जयशंकर पंडित, शाह शाद, राज्य सह-सचिव संदीप चौधरी, रमाकांत टुना, कुंदन यादव, रौशन कुमार, पंचम कुमार, मुकेश पासवान, अमित पासवान, हिमांशु कुमार, विशाल कुमार, हरिनारायण, अखिलेश कुमार आदि मौजूद थे।



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